kanchan singla

Add To collaction

ओ मां !!

तेरे हिस्से की नमी पर हक मेरा ही है....ओ मां !!
तेरे हिस्से की खुशी पर हक मेरा भी है....ओ मां !!
तेरे सपनों की उड़ान का हिस्सा मुझमें भी है...ओ मां !!
तेरी चलती राहों का छोटा सा सहारा मैं भी हूं...ओ मां !!
तेरे चश्में में जो धुंधला सा नहीं दिखता, तेरा वही उजाला हूं मैं....ओ मां !!
तेरी अश्रु धाराओं से बहता जल मैं ही हूं....ओ मां !!
तेरी खिलखिलाती मुस्कुराहटों का ठहरा हुआ लम्हा हूं मैं....ओ मां !!
तेरे आंचल से महकती खुशबूओं की हकदार मैं भी हूं...ओ मां !!
तेरी आखिरी चपाती की कोर की मिठास हूं मैं....ओ मां !!
मेरी बैचेन रातों का हिस्सा है तू, तेरी हर बेचैनी का हिस्सा हूं मैं....ओ मां !!
मेरे मुख से निकला पहला लफ्ज़ तू ही है....ओ मां !!
तू भगवान सी मूरत है और तेरी ही सीरत हूं मैं...ओ मां !!


- कंचन सिंगला ©®

लेखनी प्रतियोगिता -17-Jul-2022


   31
14 Comments

Seema Priyadarshini sahay

18-Jul-2022 04:19 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Shrishti pandey

18-Jul-2022 10:53 AM

Nice

Reply

Punam verma

18-Jul-2022 08:14 AM

Very nice

Reply